वीर बाल दिवस पर पंचकूला स्थित हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा विचार संगोष्ठी का आयोजन

चंडीगढ़, 26 दिसंबर – वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य पर वीरवार को पंचकूला स्थित हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अकादमी के कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने की। पंचकुला के प्रसिद्ध मीडिया पैनलिस्ट एवं चिंतक श्री रमणीक मान सिंह इस संगोष्ठी में मुख्यवक्ता रहे।

इस अवसर श्री मान ने कहा कि सिखों का इतिहास बहुत गौरवपूर्ण है। सिख गुरुओं ने देश धर्म के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। इसी परंपरा को निभाते हुए बाबा जोरावर सिंह और बाबा फ़तेह सिंह ने भी मुगल सत्ता को चुनौती देते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी को पहले बाबा त्यागमल के नाम से जाना जाता था। परन्तु अपनी तलवार की तेग बल पर वे तेग बहादुर जी के नाम से जाने गए।

गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा हेतु अपने त्याग के द्वारा त्यागमल नाम को चरितार्थ किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि गुरुओं का तप और बल देश और विश्व के लिए प्रेरणादायक है। युवा पीढ़ी को गुरुओं की शिक्षा का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के समय भाई जैता जी का निर्णय साहस से भरा तो था ही पारलौकिक भी था। उन्होंने कहा कि मोती लाल मेहता जैसे सपूतों के हम सदा ऋणी रहेंगे। हमें याद रखना चाहिए कि गुरुओं की शहादत के कारण ही आज हमारा अस्तित्व है।

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